सुधर जाओ भाई.
इन दिनों हिन्दी ब्लोगजगत में मचे घमासान को देखकर दु:ख हो रहा है... कुछ लोग जो मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं और जिन्हे इलाज की जरूरत है, वे लोग दुसरों के ब्लोगों पर जा जा कर उछल कूद मचाते रहते हैं. यह डॉ. सुभाष भदौरिया जी को तो सचमूच ईलाज की जरूरत है.