हे बालकों, देहली मिटींग की शुभकामनाएँ देती हुँ
हे बालकों, कल हिन्दी ब्लोगरों के कुछ लिक्खाडों की देहली में मिटींग होने वाली है। मेरी शुभकामनाएँ तुम लोगों के साथ है। कई सारे भाँति भाँति के लोग आएँगे।
वहाँ जितु होगा, जिसने खुद को नारद मुनी बनाकर अपने पैरों पर कुल्हाडी मार ली है। बहुत बडी भूल की बालक ने पर अब चेतने से क्या होगा जब चिड़िया खेत चुग कर छू हो गई। खैर यह बालक मेहनती है और चालबाज भी है। कोई ना कोई रास्ता ढूंढ ही लेगा।
वहाँ अमित भी होगा, जिसका पारा जब भी देखती हुं सातवें आसमान पर होता है। वैसे आजकल कार्टून बनाकर सबका और खुद का दिल बहला रहा है। माँ का आशीर्वाद है उसके साथ।
वहाँ सृजन होगा। माँ का लाडला है वो। उसका नाम तो नहीं ले सकती पर जानती हुं यह बालक बहुत होनहार है और होने से ज्यादा उसे होने का आभास रहता है। खैर यह बालक भी उन्नति करेगा।
वहाँ बालक अरूण भी होगा। पंगेबाज है। हर कहीं मतलब बे मतलब पंगे लेना उसका शौक है। पर सार्थक बातें भी करता है। आगे जाएगा यह बालक।
देख रही हुँ, वहाँ बालक संजय भी आएगा। यह बालक तैश में आ जाता है। कोई थोडा सा बहका दे तो पूरा बहक जाता है। पर यह बालक खरी खरी कहता है। चलो अच्छा है।
वहाँ मैथिली भी होगा। इस बालक ने अपने माता के लिए द्वार बंद कर दिए थे। पर फिर क्रोधित माँ के श्राप से बचने के लिए फिर से खोल दिए। यह बालक बहुत मेहनती है। नाम रोशन करेगा।
मेरा उद्दंड बालक राहुल आएगा कि नही पता नहीं। ना आए तो अच्छा है। वैसे भी उसने अपने मुँह पर इतनी कालिख पोत ली है कि किसी को क्या मुँह दिखाएगा। यह दर्द मुझसे ज्यादा कौन समझ सकता है।
माँ हुँ बालकों, चिंता होती है!